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Monday, July 28, 2008

'विदेह' १५ जून २००८ ( वर्ष १ मास ६ अंक १२ ) १३. संस्कृत मिथिला जनक–गजेन्द्र ठाकुर

१३. संस्कृत मिथिला –गजेन्द्र ठाकुर
संस्कृत मिथिला
-गजेन्द्र ठाकुर

जनक
’वैदेह राजा’ ऋगवेदिक कालक नमी सप्याक नामसँ छलाह, यज्ञ करैत सदेह स्वर्ग गेलाह। ऋगवेदमे वर्णन अछि। ओऽ इन्द्रक संग देलन्हि असुर नमुचीक विरुद्ध आऽ ताहिमे इन्द्र हुनका बचओलन्हि।
पुरोहित गौतम राहूगण ऋगवेदक एकटा महत्त्वपूर्ण ऋषि छथि। शुक्ल यजुरवेदक लेखक रूपमे याज्ञवल्क्य प्रसिद्ध छथि। शतपथ ब्राह्म्णक माथव विदेह आऽ पुराणक निमि दुनू गोटेक पुरोहित गौतम छथि से दुनू एके छाथि आऽ एतएसँ विदेह राज्यक प्रारम्भ देखल जाऽ सकैत अछि। माथवक पुरहित गौतम मित्रविन्द यज्ञक/बलिक प्रारम्भ कएलन्हि आऽ पुनः एकर पुनःस्थापना भेल महाजनक २ केर समयमे याज्ञवल्क्य द्वारा। निमि गौतमक आश्रमक लग जयन्त आऽ मिथि जिनका मिथिला नामसँ सेहो सोर कएल जाइत छन्हि, मिथिला नगरक निर्माण कएलन्हि।
’सीरध्वज जनक’ सीताक पिता छथि आऽ एतयसँ मिथिलाक राजाक सुदृढ़ परम्परा देखबामे अबैत अछि। ’कृति जनक’ सीरध्वजक बादक 18म पुस्तमे भेल छलाह।
कृति हिरण्यनाभक पुत्र छलाह, आऽ जनक बहुलाश्वक पुत्र छलाह। याज्ञवलक्य हिरण्याभक शिष्य छलाह, हुनकासँ योगक शिक्षा लेने छलाह। कराल जनक द्वारा एकटा ब्राह्मण युवतीक शील-अपहरणक प्रयास भेल आऽ जनक राजवंश समाप्त भए गेल (अश्वघोष-बुद्धचरित आऽ कौटिल्य-अर्थशास्त्र)
(c)२००८. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम नहि अछि ततय संपादकाधीन।

विदेह (पाक्षिक) संपादक- गजेन्द्र ठाकुर। एतय प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक लोकनिक लगमे रहतन्हि, मात्र एकर प्रथम प्रकाशनक/ आर्काइवक/ अंग्रेजी-संस्कृत अनुवादक ई-प्रकाशन/ आर्काइवक अधिकार एहि ई पत्रिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौलिक आऽ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) ggajendra@yahoo.co.in आकि ggajendra@videha.co.in केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx आ’ .txt फॉर्मेटमे पठा सकैत छथि। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ’ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आऽ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक 1 आ’ 15 तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।

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