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Thursday, October 9, 2008

जीन मेरी गुस्ताव ली क्लाजियो - एहि सालक साहित्यक नोबल पुरस्कारसँ सम्मानित


जीन मेरी गुस्ताव ली क्लाजियो (1940-)केँ एहि सालक साहित्यक ८ लाख १५ हजार पौंडक साहित्यक नोबल पुरस्कारसँ सम्मनित कएल जएबाक घोषणा भेल अछि। मानवताकेँ राज कए रहल सभ्यतासँ नीचाँ आऽ आगू जाऽ कए देखबाक प्रवृत्ति छन्हि क्लाजियोक।न्यू-डिपार्चर्स,पोएटिक एडवेंचर आ सेंसुअल एक्सटेसीक लेख छथि क्लाजियो।

ली क्लाजियो मूलतः फ्रांसीसी भाषाक उपन्यासकार छथि, ओना हिनकर पिता अंग्रेज आऽ माता फ्रांसीसी छथिन्ह, दुनू गोटे मारीशससँ सम्बन्धित आऽ नाइजीरियाक समुद्री यात्रासँ नेनपनहिमे साहित्यिक जीवनक प्रारम्भ कएलन्हि। १९६३ ई. मे हिनकर पहिल उपन्यास प्रकाशित भेल आऽ आधुनिक समाजक प्रति एक तरहक विद्रोह छल। फ्रेच लेखक सभमे क्लाजियो स्वीकृत नहु भऽ सकलाह आऽ एखन ओऽ न्यू मेक्सिकोमे रहैत छथि।

थर्ड वर्ल्डक नजरिसँ देखब हिनकर रचनाक एकटा विशिष्टता छन्हि। मारीशसक उपन्यासकार अभिमन्यु उनुथक आ ताहि क्रममे रामायणक चरचा सेहो क्लाजियो करैत छथि।

हिनकर पहिल उपन्यास ले-प्रोसेस-वर्बल- द इनटेरोगेशन (जांचक पूछताछ)१९६३ ई. मे आयल जे अस्तित्ववादक बादक समयक उपन्यास छल। दिन-प्रतिदिनक भाषणबाजीक बदला सत्याताकेँ देखबय बला शक्ति ओ शब्द सभकेँ देलन्हि। फेर आयल हुनकर दू टा कथा संग्रह ला-फीवर आ ला-देल्यूज, एहि दुनू संग्रहमे पाश्चात्य नगरक समस्या आ डरक यथार्थ चित्रण भेल अछि।
टेरा-अमाटामे हुनकर पारस्थितिकी-तंत्रसँ जुड़ाव स्पष्ट अछि तँ डेजर्टसँ ओ उपन्यासक्लारक रूपमे स्थापित होइत छथि, एहिमे ओ उत्तर अफ्रीकाक लुप्त होइत संस्कृतिक चित्रण करैत छथि। क्लाजोयो दार्शनिक लेख सेहो लिखने छथि आऽ बच्चा लोकनिक लेल लुलाबी सेहो।

9 comments:

  1. bad jankari bhetal, aaiye te ghoshna bhetal, america ke jhatka chhaik.

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  2. hinkar besi kitab uplabdh nahi chhanhi muda aab te sabhta bheti jayat, hunka shubhkamna sang me ahjan ke seho je etek stariya jankari maithili blog me delau

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  3. swedish academy ker ekta vishist nrnaya, daur me shamil germany ker herta mueller, japanak haruki murakami aa korea ker ko un ke te pacharbe kelanhi, new jersey ke philip roth ke seho pachari delanhi jakra us media aa aan aan sabh seho famous bana dene chhal.

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  4. हिनकर पिता अंग्रेज आऽ माता फ्रांसीसी/नाइजीरियाक समुद्री यात्रासँ नेनपनहिमे साहित्यिक जीवनक प्रारम्भ कएलन्हि। kam samay me etek jankari bah.

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  5. bad nik, soochna se bharal samyik rachna.

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  6. bad nik prerna se bharal sahityik prastuti

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