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Saturday, March 21, 2009

बाल कविता-२ गाछ मे -जीवकांत

गाछ मे पात
पात मे बसात

पात मे फूल
गाछ झूल-झूल

पात मे छाह
गाछ वाह! वाह!

गाछ मे आम
गमकैए गाम

गाछ मे मेघ
भीजैए खेत

पातमे उछाह
गाछ वाह! वाह!

5 comments:

  1. bal kavitak kami jivkant maithili me poorna kay delanhi

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  2. बाल साहित्यक कथा-कविताक एहन प्रस्तुति आर मात्रामे हेबाक बेगरता।

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