2.5. की छि
बच्चा सं पुछियैन त कहै छैथ स्कूल
मुनि सं पुछला पर बुझैत अछि इ त्याग छि !!
माँ कहैत इ जोगिनक छि मन्त्र
भगत कहैत चमुंडा क छि तंत्र
यौ भाई इ मिथिला क भाग्य थिक !!
जत बहैय 2.5 सं प्रेमक गंगा,
पुत्र विद्यापति के घर महादेव मचौलैन दंगा,
स्कूल म पढ़वाला बच्चा कहैत अछि इ प्यार छि !
कॉलेज वाला बजैथ इ त इश्क छि,
यौ भाई इ मिथला विश्व छि !!
मिठगर - मिठगर कर्णप्रिय बोल
थकान क दूर करवाला हवा
लाल - लाल तिलकोर आ
कजराइल कोइलीक बोल
येह चारू मिथलाक अंग थिक
विश्वक बड़का बाबु मिथिलाक संतान थिक
यौ भाई इ मिथिलाक प्राण थिक !!
हमरा मिथिला वासी पर इ य रिक्स
अहि बात के राखी अहिना फिक्स
कथ्य निक,
ReplyDeleteशिल्प सेहो निक ओना कनेक सुधारक गुंजाइश ।
pratibha dekhai pari rahal achhi.
ReplyDeleteनीक कविता मणिकांत जी।
ReplyDeletenik lagal kavita
ReplyDeleteSamast Pathak gan ke Manish k taraph sa NAMASKAR, Aaasha je ahina padi k utsukta badh bait rahi.
ReplyDelete