भोर भेल,
ओ तैयार भेलाह.
दुपहरिया भेल,
ओ बिदा भेलाह.
सांझ भेल,
ओ पहुँच गेलाह.
राति भेल,
वो भेंट भेलाह.
भोर भेल,
ओ हेरा गेलाह.
सुनालियैक,
हमर बियाह भय गेल.
हमारा देखलक.
हमहूँ देखलियैक
अस्त-व्यस्त घर,
आओर ऐँठल लोक.
जेना तेना,
सामंजस भेल.
साउस रुस्लीह,
खिसिया गेलाह.
माये मुईल,
डपटि देलाह.
बेटा भेल
मुस्का देलाह.
बेटी भेल
खिसिया गेलाह.
नौकरी भेलन्हि,
हुनकर भाग.
गाय मुईल
हमर अभाग.
नहि बूझि सकल
की चाही हुनका.
हम चाहियन्हि
हमर बेटी नहि.
भोजन चाहियन्हि
बनौनिहार नहि.
सफाई चाहियन्हि
कयनिहार नहि.
घर चाहियन्हि
बसौनिहार नहि.
माए रहितैक
तऽ पूछितियैक.
की ओकरो
लागैत छलैक,
जीवन चाहियैक
मुदा एहन नहि?
सोचैत छी,
ओ रहिबो करितैक
तऽ की कहितैक
ओहो कहाँ भिन्न छल
हमर साउस सँ.
बेटा भेल मुस्का देलाह। बेटी भेल खिसिया गेलाह।
ReplyDeleteसभ पाँती भवनाक आ समाजक वर्णन।
भोर भेल,
ReplyDeleteओ तैयार भेलाह.
दुपहरिया भेल,
ओ बिदा भेलाह.
सांझ भेल,
ओ पहुँच गेलाह.
राति भेल,
वो भेंट भेलाह.
भोर भेल,
ओ हेरा गेलाह.
सुनालियैक,
हमर बियाह भय गेल.
यात्रीजी मोन पड़ि गेलाह।
नूतन शिल्प आ कथ्यक मिलनसँ ई कविता अति सुन्दर बनि गेल अछि।
ahank ee kavita bhavishya lel bahut ras aashak sanchar karait achhi
ReplyDeleteहमारा देखलक.
ReplyDeleteहमहूँ देखलियैक
अस्त-व्यस्त घर,
आओर ऐँठल लोक.
ahank kalam se bahut aasha achhi
बेटा भेल
ReplyDeleteमुस्का देलाह.
बेटी भेल
खिसिया गेलाह.
nik lagal
भोर भेल,
ReplyDeleteओ तैयार भेलाह.
दुपहरिया भेल,
ओ बिदा भेलाह.
सांझ भेल,
ओ पहुँच गेलाह.
राति भेल,
वो भेंट भेलाह.
भोर भेल,
ओ हेरा गेलाह.
सुनालियैक,
हमर बियाह भय गेल.
हमारा देखलक.
हमहूँ देखलियैक
अस्त-व्यस्त घर,
आओर ऐँठल लोक.
जेना तेना,
सामंजस भेल.
साउस रुस्लीह,
खिसिया गेलाह.
माये मुईल,
डपटि देलाह.
बेटा भेल
मुस्का देलाह.
बेटी भेल
खिसिया गेलाह.
नौकरी भेलन्हि,
हुनकर भाग.
गाय मुईल
हमर अभाग.
नहि बूझि सकल
की चाही हुनका.
हम चाहियन्हि
हमर बेटी नहि.
भोजन चाहियन्हि
बनौनिहार नहि.
सफाई चाहियन्हि
कयनिहार नहि.
घर चाहियन्हि
बसौनिहार नहि.
माए रहितैक
तऽ पूछितियैक.
की ओकरो
लागैत छलैक,
जीवन चाहियैक
मुदा एहन नहि?
सोचैत छी,
ओ रहिबो करितैक
तऽ की कहितैक
ओहो कहाँ भिन्न छल
हमर साउस सँ.
माए रहितैक
ReplyDeleteतऽ पूछितियैक.
की ओकरो
लागैत छलैक,
जीवन चाहियैक
मुदा एहन नहि?
kautuk raman ji,
ahan me bAHUT PRATIBHA ACHHI