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श्री ताराकान्त झाकेँ २००८ केर साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार "संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र"-गोपीचन्द नारंग, उर्दूसँ मैथिली अनुवादपर प्रदान कएल गेल छन्हि।
श्री ताराकान्त झा पत्रकारितासँ जुड़ल छथि। पत्र-पत्रिकामे निबन्धक अतिरिक्त बंगलासँ हिन्दी आ बंग्लासँ मैथिलीमे एकाधिक पोथी प्रकाशित भेल छन्हि।
श्री ताराकान्त झा संप्रति मैथिली दैनिक "मिथिला समाद"क सम्पादक छथि।
साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार
१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)
१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)
१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)
१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)
१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)
१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)
१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)
१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)
२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)
२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)
२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)
२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)
२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)
२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)
२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)
२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)
२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)
tarakant ji ke puraskar lel badhai
ReplyDeleteurdu se maithili anuvad fazlur rahman hashmi ke bhetal chhalanhi se theek muda yadi manjar suleman se anuvad karaol jait te star aar ooch hoit,
ReplyDeletetarakant ji ke hamra dis se badhai
tarkant ji ke hamro dis se badhai
ReplyDeletetarakant ji ke hamra dis se seho badhai
ReplyDeleteMaithili Dainik MITHILA SAMADak saphal sampadan kay Tarakant jha nav kirtiman sthapit kaylani achhi. Sahitya Academyk Anuvad puraskar bhetla par hamra dis sa bhari chhittha badhai
ReplyDeletetarakant jha ke ha mro dis se badhai
ReplyDeletetarakan ji mithila samadak sampadanak sang sahitya nirman me seho lagal rahait chhathi,
ReplyDeleteanuvadak apan mahatva hoit chhaik, aa se ehi bheemkay granthak anuvad tarakant jik uphar achhi maithili sahitya ke
ehi blog ker chahumukhi vikas , sabh vidha par aalekh, painting, photography, news, award-news
ReplyDeletemaithilik vikas me abhootpoorva yogdan kay rahal achhi.
tarakant ji ke badhai