'भालसरिक गाछ' जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/पर ई प्रकाशित होइत अछि।
Tuesday, September 29, 2009
पंकज जी पर गर्व करू.
मैथिल आर मिथिलाक समस्त लेखक,पाठक आर शुभेच्छु से निवेदन अच्छी की पंकज- गोष्ठी से जुडू.पंकज जी से सम्बंधित सामग्री एत उपलब्ध ऐछ.पंकज जी मिथिला मूल के राष्ट्रीय धरोहर छलाह. सब मैथिल क ई बात क अभिमान होबाक चाहि.आई मिथिला के पैघ लेखक सब भी पंकज जी क बारे में किछु ने किछु जनबे करैत छैथ.पंकज जी पर शोध होबाक छाही.हुनकर व्यक्तित्व के आंच से दड्लाक कारने तत्कालीन किछ पैघ आलोचक हुनकर उपेक्षा केने चित.किंतु इतिहास बनावे वाला इतिहास पुरूष की बिस्रायल जाय सके छैथ?पंकज जी इतिहास क पत्र बनी चुकल छित. अतः निवेदन छे की सब गोटा मिली के पंकज जी पर योगदान करू.हुनका से सम्बंधित विवरण ई वेब-साईट पर उपलब्ध ऐछ-http://www.pankajgoshthi.org/
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बड नीक प्रस्तुति
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