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Friday, September 25, 2009

वक्त्त नञि - मदन कुमार ठाकुर


सबटा ख़ुशी अछि दमन पर ,
ऐगो हशी के लेल वक्त्त नहीं

दिन - राएत दोरते -दोरते दुनिया में ,
जिनगी के लेल वक्त्त नही

माय के लोरी के एहाशास त् छैन ,
मुद्दा माय कहैय के लेल वक्त्त नहीं

सब रिश्ता के त छोरी गेला ,
मुद्दा अंतिम संस्कार करैय लेल हुनका वक्त्त नहीं

सबटा नाम मोबाईल में छैन ,
मुद्दा दोस्तों से बात करैय वक्त्त नहीं

मन मर्जी व फर्जी के की बात करी ,
जिनका अपनोहु लेल वक्त्त नहीं

अखियों में बसल त् नींद बहुत ,
मुद्दा नींद से आराम करैय लेल वक्त्त नहीं

दिल अछि गमो से भरल ,
मुद्दा कानैय के लेल वक्त्त नहीं

टका - पैसा के दौर में एहन दौरी ,
की मुरीयो के तकय लेल वक्त्त नहीं

जे गेला हुनकर की कदर करी ,
जखन अपनही सपनों के लेल वक्त्त नहीं

आब अहि बताऊ हे जिनगी ,
अहि जिनगी के लके की हेतय

की ? हरदम जिनगी से मरेय बाला ,
जिबैय के लेल अछि वक्त्त नहीं


मदन कुमार ठाकुर
कोठिया , पट्टीटोल भैरब स्थान , झंझारपुर , मधुबनी , बिहार , ८४७४०४

Madanjagdamba@yahoo.com मो 9312460150

Monday, July 27, 2009

देश भक्ती गीत - मदन कुमार ठाकुर

कारगील युद्ध क याद में -- २६-०७ -१९९९
आईगो क जेका , मेघओ क जेका , तुफ्फान जेका - --
हमहू तिरंगा ल्हरायब हम --
तुफ्फान जेका - --हमहू तिरंगा ल्हरायब हम --२
नेता बदलते अछी , भाषण बदलते अछी -२
लेकिन हमरो राष्ट्रो क बदल नहीं पायब यो -२
तुफ्फान जेका - --हमहू तिरंगा लहरायब हम --२
आसमानओ से ऊपर हमरो तिरंगा लहरात यो
तुफ्फानो से आगू हमरो कदम त बढ़त यो -२
कारगिल पर चाहे जाय परे , शरहद पर चाहे मरै परे -2
नैय सर झुकाय्ब हम , सर कट्टयब हम -2
हमरो ई वादा छी --
तुफ्फान जेका - --हमहू तिरंगा ल्हरायब हम --२
जखन -2 जुल्मक होयत सामना ,
हम वीर जबान करव सामना -२
आज़ाद अछी हमरो देश , स्वतंत्र हमर ई देश ,
आजादी नै मीटायब यो -------
शहिदो क हम सदा नही भुलायब हम ----
तुफ्फान जेका - --हमहू तिरंगा ल्हरायब हम --२
नाचब और े गायब हम , खुशियाँ मनायब हम ---2
हर पन्द्र्ह अगस्त के दिंन ,---
तिरंगा लहरायब हम ---2
तुफ्फान जेका - --हमहू तिरंगा ल्हरायब हम --२

मदन कुमार ठाकुर
पट्टी टोल , कोठिया , भैरव स्थान , झांझरपुर , मधुबनी , बीहार , भारत
- मेल - madanjagdamba@yahoo.com
mo - 9312460150

Saturday, May 2, 2009

बहुत गलत बात अछि --


समस्त मैथिल और मिथिला पाठक गन के चर्ण स्पर्श अछि ---
हम आए से कुछ दिन पहिने एकटा रचना '' ''
बहुत महत्त्व अछि ""
से पाठक गन के सामने उपस्थित केने रही , एकटा फेर छोट छीन
शब्द कोष डिक्सनरी से लके हम आय
मैथिल और मिथिला में पुनः
""
बहुत गलत बात अछि "" से लके पाठक गन के सामने हाजिर छि ,

प्रेम सं कहू जय मैथिल जय मिथिला ---

""
बहुत गलत बात अछि ""

दूध में पैन के , दुश्मनी में आईंन के , गाम में डैन के ,
बहुत गलत बात अछि --------
बर्बाद करै में मुस के , नोकरी मे घुस के , बनिया में मखीचूस के ,
बहुत गलत बात अछि --------
भाई में बैमान के , कर्म में अभिमान के , मनुष्य में सैतान के ,
बहुत गलत बात अछि --------
नशा में दारू के , आदमी में भारू के , मिया - बीबी संग झारू के ,
बहुत गलत बात अछि --------
मेला में जेवर के , डैविटिज में मिठाई घेवर के , बदमाशी में देवर के ,
बहुत गलत बात अछि --------
पूजा -पाट बिना पीपल के ,श्रधकर्म बिना पीतल के , बरी -भात बिना जूरी शीतल के ,
बहुत - गलत बात अछि ---------------
नारी गर्दन बिना अठन्नी के, समान बेचनाय बिना पन्नी के , पेंटिंग बिना मधुबनी के ,
बहुत - गलत बात अछि ---------------
डिगरी बिना ईग्न्नु के , खिसा -पिहानी बिना गन्नू के , लेन - देन में भीख मग्न्नु के
बहुत - गलत बात अछि ---------------
आदमी में दुराचारी के , फल में मह्कारी के , इंडिया में बेरोजगारी के ,
बहुत गलत बात अछि --------
समाज में काम चोर के , आदमी में सुईद खोर के , लराई में लातखोर के ,
बहुत गलत बात अछि --------
ब्यबसय में मन मर्जी के , सिग्नेचर में फर्जी के , फोज में बिना बर्दी के ,
बहुत गलत बात अछि --------
बस में जेब कत्तर के , हर बात में अक्तर के , गंदगी में बत्तर के ,
बहुत गलत बात अछि --------
सरक पर भीख माँगा के , सहर में लफंगा के , शरीर में बिना अंगा के
बहुत गलत बात अछि --------
चलें में मटकैत के , जंगली एरिया में डकैत के , गाम में लठैत ,
बहुत गलत बात अछि --------
नशा में सिकरेट के , हर बात में डारेकट के , आदत में क्रिकेट के ,
बहुत गलत बात अछि --------
इंडिया में बिना टेक्स के , दफ्तर में बिना फेक्स के , फॉरनर में सेक्स के ,
बहुत गलत बात अछि --------
विराद्धा अबस्था में बिना लाठी के , चिता पर बिना काठी के , सीरियल में बिना मराठी के ,
बहुत गलत बात अछि -----
शरक पर क्च्चरा के , बारादरी में झगरा के , कागज - पत्तर में लफरा के ,
बहुत गलत बात अछि -----
गाम में बिना भोज के , मजदूरी में बिना रोज के , साइंस में बिना खोज के ,
बहुत गलत बात अछि -----
यात्रा बिना मंगल के , प्रोग्राम बिना दंगल के , व्रत में अंजल के ,
बहुत गलत बात अछि -----
विदियार्थी बिना मास्टर के , हॉस्पिटल बिना डाक्टर के , फिल्म बिना डारेक्टर के ,
बहुत गलत बात अछि -----
उग्रवादी बिना तालिवान के , कुस्ती बिना पहलवान के , अतिथि के बिना जलपान के,
बहुत गलत बात अछि -----
मनोरंजन बिना खेल के , बिजनेस बिना सेल के , कैदी बिना जेल के ,
बहुत गलत बात अछि -----
रेड लाइट बिना अक्सिडेंट के , हॉस्पिटल बिना पेशेंट के , दाँत बिना पेप्सोडेंट के ,
बहुत गलत बात अछि -----
जनौऊ संस्कार बिना बरुवा के , मैथिल भोजन करेनाय बिना तरुवा के , आराम केनाय बिना गेरुवा के ,
बहुत गलत बात अछि ---------
अध्ययन बिना कम्पूटर के , पंखा बिना रेगुलेटर के , नियूज बिना प्रेशरिपोटर के ,
बहुत गलत बात अछि ---------
भगवन पूजा बिना माला के , घर छोरी बिना ताला के , सासुर जेनाय बिना साला के ,
बहुत गलत बात अछि ---------
शहर में बिना लाइट के , लराई में बिना फाइट के , जींस पेंट बिना टाईट के ,
बहुत गलत बात अछि -----
नागरिकता बिना मतदान के , जिनगी बिना कन्यादान के , परोपकर बिना रक्तदान के ,
बहुत गलत बात अछि -----------
महाभारत में शोक्न्नी के , शहर में बिना पत्त्नी के , आ रचना में बिना टिप्पणी के ,
बहुत गलत बात अछि -----


मदन कुमार ठाकुर ,
पट्टीटोल , भैरव स्थान , झंझारपुर ,मधुबनी , बिहार - ८४७४०४
Mo - 9312460150 ,E-mai - madanjagdamba@yahoo.com

Sunday, April 12, 2009

मच्छर चलिसा- मदन कुमार ठाकुर


मच्छर चलिसा





दाेहा


अति आबस्यक जानी के हाेके अति लचार


बरणाे मच्छर सक्‍ल गुणाे दुख दायक ब्यबहार ।


बिना मसहरि दिन हॅू सुन्हूॅ सकल नर्रनार


मक्ष्छर चलिसा लिखक पढ़उ साेइच बिचैर ।।



चाैपाइर्


जय मच्छर भगवान उजागर ।


जय अर्नगिणित हे राेग के सागर ।।


नदियाॅ पाेखैर गंगा सागर ।


सबठाम रहते छी अही उजा गर ।।


नीम हकिम के अही रखबारे ।


डाक्‍टर के भेलाे अतिश्य प्‍यारे ।।


मलेरिया के छी अहा दाता ।


छी खटमल के प्‍यारे भा्रता ।।


जरी बुट्टी से काज नऽ बनल ।


अंग्रेजी दबाइर् जलदी फीट करल ।।


आउल आउट गुडनाइर्ट अपनेलाे ।


फेर अपन अहा जान बचेलाे ।।


दिन दुखि सब धुप में जरैत छैथ


राइर्ताे में बेचैन रहैत छैथ ।।


संझ भाेर अहा राग सुनाबी ।


गॅु र् गॅु कऽ के नाम कमाबी ।।


राजा छैथ या रंक फकिरा


सब के केलाे अपनेही मत धिरा ।।


रूप कुरूप अहा मानलाे


छाेटका बऱका नै अहा जनलाे ।।


नर छैथ या स्वगाेर्कऽ नारी


सब के समक्ष बनलाे अहा भारी।।


भिन्न भिन्न जे राेग सुनेला


डाकटर कुमार फेर शर्मेला ।।


सब दफ्‍तर में आदर पेलाेे


बिना इजाजत के अहा घुस गेलाे ।।


चाट परल जिन्गी से गेलाे


कनिते खिजते परिवार गमेलाे ।।


जर्यजर्यजय हे मक्ष्छर भगवाना ।


माफ करू सबटा जुर्माना ।।


छी अहा नाथ साथ हम चेरा ।


जल्दी उजारारू अहा अपनेही डेरा ।।



दाेहा


निश बंाशर शंकर करण मालिन महा अति कुर


अपन दल बल सहित अहा बसाे कहि जा दुर




मदन कुमार ठाकुर


पट्टिटाेल ह्यभैरर्बस्थान हृ


झंझारपुर ़ मधुबनी


बिहार – 847404


माेर् 09312460150




Tuesday, April 7, 2009

मिथिला चलीसा- मदन कुमार ठाकुर आ जगदम्बा ठाकुर

मिथिला चलीसा

दाेहा


अति आबस्यक जानी के सुनियाे मिथिला कऽ वास
व्ेादपुराण सब बिधी मिलल लिेखल भाेला लालदास ऽ
पंडित मुर्ख अज्ञानी से मिथिला कऽ इर् राज
पाहॅंुन बन आऐला प्रभु जिनकर चर्चा आज ऽ ऽ
चाेैपाइर्
जय जय मैथिल सब गुन से सागरा ऽ
कर्म बिधान सब गुन छैन आगर ।।
जनक नन्दनी गाम कहाबैन ।
दुर दुर से कइर् जन आबैन ।।
देखैयन सिताराम कऽ स्वम्बर ।
भेला प्रसन्य लगलैन अति सब सुन्दर ।।
प्‍ुालकित झा पंचाग से सिखलाे ।
बिघ्न – बाधा के कहुॅना निपटेलाे ।।
मंत्र उचार केलाे सब दिन थाेरे ।
ग्रह – गाेचर से भेलाे हॅु छुटकाेरे ।।
विद्यापति जी कऽ मान बढ़़ेलैन ।
बनी उगना महादेव जी आयेलैन ।।
जय जय भैरवी गीत सुनाबी ।
सब संकट अपन दुर पराबी ।।
लक्ष्मीश्वर सिंह राज बन ऐला ।
पुन्हः मिथिला कऽ स्वर्ग बनेला ।।
भुखे गरीब रहल सब चंगा ।
सब के लेल ऐला राज दरिभंगा ।।
बन याेगी शंकरा चार्य कहाेलैथ ।
अन्ेाकाे शिव मंठ निर्माण कराेलैथ ।।
धर्म चरा चर रहल सत धीरा ।
जय जय करैत आयल संत फकिरा ।।
जन्म लेलैन लक्ष्मीनाथ सहरसा ।
जिनकर दया से भेल अति सुख वार्षा ।।
साध ु संत के भेष अपनाेलैन ।
फेर गाेस्वामी लक्ष्मीनथ कहाेलैन ।।

मण्डन मिझ्ज् कऽ शास्त्रार्थ कहानी ।
जिनकर घर ताेता बाजल अमर्त वाणी ।।
पत्नीक धर्म निभे लैन विद्वुसी ।
जिनकर महिमा गेलैन तुलसी ।।
आयाची मिझ्ज् कऽ गरीबी कहानी ।
इर्नकर महिमा सब कलैन बखानी ।।
साग खा पेटक केलैन पालन।
हिनकर घर जन्मल सरस्वती के लालन ।।
काली मुर्ख निज बात जब जानी ।
भेला प्रश्न्य उच्चैट भवानी ।।
ज्ञान प्राप्तय काली दास कहाेलैथ ।
फेर मिाथिला कऽ शिक्षा दानी बनेलैथ ।।
गन्नू झा कऽ कृत्या जखन जानी ।
हसैत रहैत छैथ सब नर प्राणी ।।
केहन छलैथ इर् नर पुरूषा ।
केना देलखिन दुर्गा जी के धाेखा ।।
खट्टर काका कऽ इर्हा सम्बानी ।
खाउ चुरा – दही हाेेउ आन्तर्यामी ।।
मिथिला कऽ भाेजन जे नै करता ।
तिनाे लाेक में जगह नै पाेता ।।
साेराठ सभा कऽ महिमा न्यारी ।
गेलैन सब राज आैर नर र् नारी ।।
जानैत छैथ सब कऽ गाेत्र र्मुल बिधान ।
फेर करैत छैथ सब कन्याॅ दान ।।
अमेरिका लंदन सब घर में सिप्टिंाग ।
देखलाे सब जगह मिथिला कऽ पेंटिग।।
हे मैंथिल मिथिल कऽ कृप्पा् निघान ।
रखयाे सब कियाे संस्कृती कऽ मान ।।
छैट परमेश्री कऽ धय्यान धराबैथ ।
चाैठी चन्द्र कऽ हाथ उठाबैथ ।।
जीत वाहन कऽ कथा सुनाबैत ।
फेर मिथिला पाबैन नाम सुनबैथ ।।
स्वर संगीत कऽ ताज उदितनारायण ।
मिथिला कऽ इर् विदित परायण ।।
हाेयत जगत में इर्नकर चर्चा ।
मनाेरंजन कऽ इर् सुख सरिता ।।
शिक्षा कऽ जखन बात चलैया ।
मिथिला युनिभरसिटी जग में नाम कहाया ।।
कम्पुटरिंग छैथ या कियाे टाइर्पिंग रिपाेटर ।
बाज्ैात लिखते छैथ मिथिला कऽ शुद्व अक्षर ।।
जे सब दिन पाठ करत तन र् मन स्ॅा ।
भगवती रक्षा करतैन हुॅन्का तन धन स्ॅा ।।
हे मिथिला के पुर्वज स्वर्ग निवासी ।
लाज बचायब सब अही के आसी ।।

दाेहा


कमला काेसी पैर परैया गंगा करैया जयकार
शत्रू से रखवाला करैया सदा हिमालय पहार


“प्रेम से बाजु मिथिला समाज की जय”


मदन कुमार ठाकुर आ जगदम्बा ठाकुर
पट्टिटाेल , भैरव स्थान
झंझारपुर ़मधुबनी ़बिहार
माे – 9312460150

Friday, February 20, 2009

की हमहूँ रहबै कुमार - मदन कुमार ठाकुर

यौ पाठक गण की कहू अपन मिथिला राज्य चौपट भ' गेल ( से कोना यौ ) एक त कमला कोशीक दहार आ दोसर दहेज़ प्रथाक व्यवहार ! कमला कोशी लेलक पेटक आहार त दहेज़ प्रथा केलक आर्थिक लाचार ! कन्यादान से कतेक पिता लोकनि सेहो भेला बीमार आ कतेको बर छथि ओही बाधा सँ सेहो कुमार आ बीमार ! ओही सभ बात के लs क' हम नब युबक संघक बाधा कs ल'क' पाठक गणक समक्ष मैथिल आर मिथिला पर हाजिर छी.......


जय गणेश मंगल गणेश, सदिखन रटलो मंत्र उचार !
सभ बाधाक हरय बाला, कते गेलो अहाँ छोड़ि संसार !!
अपना लेल अगल - बगल मे, हमरा लेल किए दूर व्यवहार !
आब कहू यो गणपति महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार... !!


बरख बीत गेल देखते देखते, जन्म कुंडली मे थर्टी ! (३०)
दहेजक आस मे हम नै बैसब, हमरो उम्र भो जेत सिक्सटी !! (६०)
गाम - गाम मे जे के बाजब, बाबू हमर छथि दुराचार !
आब कहू यो बाबू - काका, की हमहूँ रहबै कुमार... !!


ब्रह्म बाबा के सभ दिन गछ्लो, लगाबू अहि लगन मे बेरापार !
ओही खुशी मे अहाँ के देब, हम अपन गाय के दूधक धार !!
हे कुसेश्वर हे सिंघेश्वर, अहाँक महिमा अछि अपरम पार !
अहि लगन मे पार लगाबू, हम आनब दूध दही आ केराक भार !!
आब कहू यो भोले दानी, की हमहूँ रहबै कुमार .......


सौराठ सभा मे जे के बैसलों, सातों दिन आ सातो राति !
कियो नै पुछलक नाम आ गाम, की भेल अपनेक गोत्र मूल बिधान !!
घर मे आबी के खाट पकरलो, नै भेल आब हमर कुनू जोगार !
आब कहू यो बाबा - नाना, की हमहूँ रहबै कुमार !!


दौर - दौर जे पंडित पुर्हित, सभ दिन पूछी राय बिचार !
पंडित जी के मुहँ से फुटलैन ई बकार ..........
जेठ अषाढ़ त बितैते अछि, अघन से परैत अछि अतिचार !!
आब कहू यो पंडित पुर्हित, की हमहूँ रहबै कुमार .....


नै पढ़लो हम आइये - बीए, छी हमहूँ यो मिडिल पास !
डॉक्टर भइया - मास्टर बहिया, ओहो काटलैथ एक दिन घास !!
ओही खान्दानक छी यो हमहूँ, जून करू आब हमर धिकार !
आब कहू यो बाबू - भैया, की हमहूँ रहबै कुमार !!


गोर - कारी सभ के रखबै, लुल्ही - लंगरी से घर के सजेबई !
बौकी पगली के दरभंगा में देखेबाई, कन्ही कोतरी से करब जिन्दगी साकार !!
आब कहू यो संगी - साथी, की हमहूँ रहबै कुमार ..........


अघन के लगन देख हम झूमी उठलो, जेना करैत अछि नाग फुफकार !
लगन बीत गेल माघ फागुन के, गुजैर रहल अछि जेठ अषाढ़ !!
अंतिम लगन ओहिना बितत, नैया डूबत हमरो बिच धार !
आब कहू यो मैथिल आर मिथिलाक पाठक गन, की हमहू रहबै कुमार !!

नब युवक के बातक रखलो मान, शादी.कॉम में लिखेलो अपन नाम !
नै कुनू भेटल कतो से मेल, लागैत अछि जे ईहो भेल फैल !!
कतेक दिन करब मेलक इंतजार........
आब कहू यो कम्पूटर महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार !!

भोरे उठी गेलो खेत खलिहान, उम्हरे से केना एलो कमला स्नान
देखलो दुई चैर आदमी के, बात करैत छल कन्यादान !
पीड़ी छुई हम भगवती के, पहुँच गेलो हम अपन दालान !!
हाथ जोरी हम सबके, विनती केलो बारम् बार !
आब कहूँ यो घटक महाराज, की हमहूँ रहबै कुमार !!





मदन कुमार ठाकुर,
कोठिया पट्टीटोला,
झंझारपुर (मधुबनी)
बिहार - ८४७४०४.

Saturday, January 17, 2009

सत्यानास केलक बिमारी - मदन कुमार ठाकुर

(हम आइ एक महिना सँ हॉस्पिटल मे बेड रेस्ट यानी बीमार आवस्था मे छी ! जाहि सँ कतेक फोन, कतेक ई-मेल, कतेको फरमाईस, कतेको मज़बूरी, कतेको तगेदा, कतेको उदासी, कतेको घबराहट, आ बहुतो आर्थिक स्थिति आय हमरा सामने आइब गेल अछि ! जकर उदाहरण हम मैथिल आर मिथिला (मैथिली ब्लॉग) पा लs के पाठक गनक समक्ष हाजिर छी !)


यमराजक याद आ संदेश .....

हमरा बीमार अवस्था मे यमराजक संदेश सेहो बुझै मे आबैत छल ! किएकी पुरा एक महिना बिमारी के भs गेल छल ! बिमारी छूटए के नाम नञि लैत छल लागैत छल जे कही अहि बिमारीक कारण हम हुनकर सिकार नञि भs जाय ! यदि एहेंन नौबत आयत तँ हमर घर संसार सभ चौपट भस जायत ! ई बात सोचि - सोचि के हम आर बेसी बिमार पड़ि जाइत छलहुँ !


कम्पनीक तरफ सँ फोन ....

हमरा बिमार अबस्था मे कम्पनीक तरफ से सबसे बेसी फोन आबैत छल जे ... आप को केवल १५ दिन का छुट्टी मिला था ! मगर अब पुरे एक महिना से भी ज्यादा हो गया हैं ! अगर आप इस सप्ताह ड्युटी ज्वाइन नहीं करेगे तो आपको कम्पनी के निष्कासित कर दिया जायेगा .... ई बात फोन से सुइन सुइन के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !


बौवा आ बुच्चीक स्कुल सँ नोटिक .....

हमरा बिमार अबस्था मे बौवा आ बुच्चीक स्कुल सँ सेहो नोटिक आइब गेल छल, लिखल छल जे ... आपके लड़के और लड़की की स्कुल फिस और बस फिस पिछले महिने से जमा नहीं हुवा हैं ! जिसके चलते आप के दोनों बच्चो को स्कुल से निकाल दिया जायेगा ! अन्यथा फिस जमा करने का यथा शीघ्र कस्ट करे ... हमर बौवा आ बुच्ची आब कोना स्कुल में पढ़त लागैत अछि जे आब धिया - पुताक जीवन ख़राब भs जायत ई नोटिस पैढ़ - पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !


दोकानदार लालाक तगेदा......

हम बिमार अबस्था में (हॉस्पिटल) में रही ताहि समय मे दोकानदार लालाक सेहो तगेदा आबिगेल छल, ओ हमर अर्धांग्नी के कही गेलैन जे ... आपका बहीखाता का हिसाब पिछले महिना से ही बांकी हैं ! आप जब दोनों महीने के रुपैया जमा करायेगे तभी हम आगे से रासन का सामान दे पायेगे अन्यथा दुसरे दूकान दार से संपर्क करे ! ई समाद हमरा कान मे पहुंचल, सोच्लो आब तs हमर घर के चूल्हा सेहो कोना कs जरत ! ई समाद सुनी सुनी के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !


गाम - घरक चिठ्ठी आ फोन ....

हम बिमार अबस्था मे (हॉस्पिटल) में रही तान्ही समय मे गाम से सेहो चिठ्ठी आबी गेल छल जाही में लिखल अछि .... जे बोआ अहाँ त देखते आ सूनैते हेब टी।वी यही समाचार मे हे हर साल गाम घर में बैढ़ आबई छैक तहि से धान पान ही हेतै सगे घर सेहो खैस परल अछि यानी गाम मे सभ तरहे बेसाहे चलैत अछि ! बाबु आर माय भैया सभ अहि के आस लगेना बैसल छैथ ! जे दिल्ली सs बौआ कहिया पाई पठेता ! गाम घरक ई चिंता सुनी सुनी आ पैढ़ पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !


बैंक से फोन आ ईमेल ....

एतबे नै हमर बीमारीक अबस्था में कतेक बैंक से सेहो फोन आ ईमेल स information के देल गेल छल ! जे अभी तक आप के किसी भी क्रेडिट कार्ड का पेमेंट पिछले दो महीने से नहीं हुवा हैं ! जिस के चलते आप के क्रेडिट कार्ड को स्थाई रूप से बंद कर दिया जायेगा अन्यथा पेमेंट जारी रखे ! बार बार हम ई सोचैत छलो जे आगूक पेमेंट हॉस्पिटलक हम कोना के करब ! ई information पैढ़ पैढ़ के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो !


LIC कम्पनिक तरफ से नोटिक .......

हमरा बिमारी अबस्था मे LIC के एजेंटक नोटिस सेहो आबिगेल छल कहैत छल जे ठाकुरजी आपके तीनो LIC का किस्त दो दो महिना से पिछे चल रहा हैं ! अगर आप को इस बिच (समय) में कुछ हो गया तो इस का जिम्मेवार LIC कम्पनी नहीं होगा ! अन्यथा तीनो पॉलिसी का पेमेंट जारी रखे ! आप का आभारी LIC एजेंट.... ई LIC के नोटिस देख देख आ सुनी सुनी के हम आर बेसी बिमार पैर जायत छलो ! जे हमरा मरलाक बाद हमर परिवारक की गति हेत !


गाम से पाई आबैत छल से भेल चोरी ....

गाम मे जखन सभ के धीरे धीरे पता चललैन जे बौआ एक महिना से हॉस्पिटल मे भरती अछि ! ओकर आर्थिक स्थिति बड ख़राब छैक, त बाबु अपन दुई बिघा खेत कs भरना लगे देलैथ ई सोइच के जे बौआ जखन ठिक भs जेत ते भरना खेत छोरे लेब ! से पाई लs के बाबु आ भैया आबैत छलैथ ! रस्ते में कुनू चोर ट्रेन में हुनकर बेग चोरे लेल्कैन ! ओताही से ओ दुनु आदमी घर वापस चली गेला ! ई खबर जखन सुनलो हम आर बेसी बिमार पैर गेलो !


डॉक्टरक आदेश ....

डॉक्टरक आदेश सेहो भेट गेल छल जे इनका बिमारी का ईलाज हमारे हॉस्पिटल में नहीं हो सकता ! क्योकि हमारे समझ मे यह नहीं आता की इनको बिमारी कौन स हैं ! इसको किसी तांत्रिक जी के पास ले जाए वही इनका कुछ उपचार कर सकेगे ! अन्यथा इनका जान जा सकता हैं ! ई बात हम कान से सुनी सुनी के आर बेसी बिमार भs गेलो जे हमर परिवार, हमर खानदान, हमर समाजक लोक हमरा लेs केs कते कते दर दर भटकत !


गाम से भगतक आगमन .....

गामक लोक के जखन हमर बिमारीक कुन्नु चारा आस नै भेतलैन त तखने हमर बाबु भगत काका के कहलखिन जे दिल्ली मे हमर बौआ बहुत बिमार अछि से अहाँ ओतय चलू ! अहाँ भैरब बाबाक फूल आ बिभुत बौआ के देबैय तहि से हमर बौआ ठिक भs जायत ! भगत काका दिल्ली एलैथ हमरा फूल बिभुत देलैथ तखने से हमर सभ बिमारी धीरे धीरे दूर हुवे लागल ...



अहि दुवारे कहल गेल अछि जे ...


नै वैध डॉक्टरक, भेल भगता के काज !

शहरी रोगी के, भेल गामक इलाज !!



जय मैथिली, जय मिथिला,
मदन कुमार ठाकुर, कोठिया पट्टीटोल, झंझारपुर (मधुबनी) बिहार - ८४७४०४,
मोबाईल +919312460150 , ईमेल - madanjagdamba@rediffmail.com

Thursday, December 18, 2008

रेडिमेडक जमाना - मदन कुमार ठाकुर

( रेडिमेडक मतलब जे काम चलाऊ, कमसँ कम समय मे, कमसँ कम खर्चा मे, कमसँ कम मेहनत मे, निकसँ निक समान, निकसँ निक व्यवस्था निकसँ निक मनोरंजन होइत अछि ! रेडिमेड सभ तरहे सभ लोककें अपना तरफ आकर्षित करैत अछि ! जकर किछ उदहारण हम मैथिल आर मिथिला (मैथिली ब्लॉग) पाठक गन के बिच प्रस्तुत करे चाहय छी ) ....




() हमर विवाह छल पंडितजी के देखलियैन डेढ़ घंटाक अन्दर s विवाह दान सब करा' देलथि ! हम पंडितजी सँ कहलियनि पंडितजी हम छंदोगी ब्रह्मण छी, हमरा सभक विवाह कमसँ कम छः सात घंटा मेs समाप्त होइत छैक ! मुदा अहां दुई घंटाक भीतर सब किछ कोनाक करबा देलियइ ? पंडितजी बजलाह .... सुनु जमाय बाबु " आब अहां के नै बुझल अछि जे रेडिमेडक जमाना छैक " तहि द्वारे झट मंगनी पट विवाह होइत छैक !




() हमर काकाक एगो बेटा लंदन मे रहैत छल ! पढाई लिखाई मे बहुत होनहार छल ! ओकरा पर सभके विस्वास छल जे एक दिन खान्दानक नाम रोशन जरुर करत ! दुई सालक बाद गाम आयल संग मे ऐगो फोर्नर लड़की के सेहो s s आबी गेल छल ! तेँ ओकरा बाबु पुछलखिन्ह जे रौ बोउवा तू विवाह हमरा बिना कहने पंडितजी के बिना दिन तकेनै कोनाक s लेला ? बोउवा बजल ... "बाबु आहां के आब नै बुझल अछि जे रेडिमेडक जमाना छैक " बाबु हमर विवाह नै भेल हन हमर गर्लफ्रेंड छी !




() हम दिल्ली नए - नए आयल छलहुँ ! हम आर हमर भैया एगो विवाह मे सामिल भेल छलहुँ ! विवाह मे देखलहुँ सभकियो नाचैत छल ! सब कियो ठारे - ठार भोजन करैत छल ! हम भैयासँ पूछलहुँ भैया अहिठाम की s रहल छैक ? भैया कहलक ... रे बुरबक " आब तोरा नै बुझल छो जे रेदिमेडक जमाना छैक " आब लोकक पास ओतेक समय नै छैक जे बैस के भोजन चारि घंटा बैस के प्रोग्राम देखता !




() साउथ अफ्रीका मे क्रिकेट मैच चलैत छल ! धोनीक टिम मैच खेलैत छल ! तहिसँ सभ टी.वी. समाचार चेनल पर धुवा - धार जय - जय कार होइत छल ! कियेकी २० - २० क्रिकेट मेच इंडिया जीत गेल छल ! हम अपन काका से पुछलियनि काका पहिने ५० - ५० ओभरक क्रिकेट मेच होइत छल ! आब २० - २० ओभरक खेल किये होइत अछि ? काका बजलाह ... बोउवा " आब अहाँ के नै बुझल अछि जे आब रेडिमेडक जमाना छैक " लोगक पास आब ओतेक समय नै छैक जे बैस केs पूरा ५० ओभर के खेलक आनंद लेता !




() एगो हमर साथी छलथि हुनकर विवाह के मात्र पाँचे महिना भेल छलनि ! ताहिक उपरांत हुनकर घरवाली के एगो बच्चा जनमलनि ! ओही बातसँ आस - पासक जतेक पड़ोसी छलनि सभ केs लगलनि कोना केs s गेल यो एखन विवाह के मात्र पाँचे महिना भेल हएँ ! हमर साथी बजला ... " आब अपने सभ के नै बुझल अछि जे रेडिमेडक जमाना छैक " जे जन्मल धिया पुता बसायल घर सब के मिलैत छैक !




() एक दिनक बात अछि ... बाबा आर हम दुनु आदमी दिल्ली गेलो ! लालकिला कुतुबमीनार देखैक लेल ! आबैत काल मे बाबा के लघुसंका लागी गेलनि ! बाबा हमरा कहलथि जे कनी पानिक व्यवस्था s दिअ जे हम लघुसंका करब ! हम एगो दूकान से १० रुपैया मे पानिक बोतल लेलहुँ बाबा के रोडक साइड मे जगह देखा देलियनि ! बाबा पानि s केs रोड के साइड मे बैस के लघुसंका करैय लागला ! ताबे मे किम्हरो से ऐगो सफाई करैय बला जमेदार आबिगेल बाबासँ कहलकनि ... आपको " अब मालूम नहीं हैं जो अब रेडिमेड का जमाना हैं " जो आप रोड को गन्दा करते हो ! इसके लिए सरकार ने रेडिमेड सुलभ सौचालय का व्यवस्था किया हैं !


(७) इलहाबादक एगो हमर पड़ोसी शर्माजी छलथि ! हुनका एगो २५ वर्षक लड़की छलनि जे डिग्री प्राप्त कs केs घर मे बैसल छलथि ! मुदा शर्माजी के अपन काज धंधा सँ फुरसते नै भेटैत छलनि जे ओ अपन बेटी मुन्नी के लेल वर तकता ! ओ बार बार हमरा परेसान करैत रहैत छलाह जे मदनजी कतौ हमरा मुन्नीक लेल योग्य लड़का देखियो ...... हम कहलियनि .... अपने केs " आब ई नै बुझल अछि जे आब रेडिमेडक जमाना छैक " आब इन्टरनेट के 'Shadi.com' पर वर आ कनियाँ रेडिमेड भेटैत छैक ! मुन्नी से कहबई जे अपन योग्य लड़का ताकि लेट !


(८) एकटा हमर डॉक्टर काका छलथि ! हुनका दिल्लीमे घर आँगन नै छलैन तहि सs ओ अपन परिवारक लेल काफी परेसान रहैत छलैथ ! एक दिन ओ हमरा कहलैथ जे मदनजी हमरा कतौ जमीं खरीद दिअ जे हम दू सालमे अपन घर आँगन बनबा लेब कियेकी आब हमहूँ वृद्ध अवस्थामे आयल जायत छी ..... हम कहलियनि .... काका जी अहाँ के " आब ई नै बुझल अछि जे रेडिमेडक जमाना छैक " कतेक आदमी के रेडिमेड घर आँगन रियल स्टेट कम्पनी द्वारा मिलैत छैक !


(९) हम टी.वी. पर आजतक समाचारक चेनक देखैत छलहुँ ! विषय छल मंत्री परिषद् मे चिंता .... कांग्रेस के पूर्ण रूपसँ बहुमत प्राप्त भs गेल छल ! मुदा विरोधी दल बी.जे.पी. ओही के समर्थन नै करैत छल ! कहैत छल जे विदेशी नेता सोनिया गाँधी हमर मंत्री आ हमर सरकार नै बनि सकैत अछि ! ओही सम्मेलन मे श्री लालू प्रसाद यादव सेहो बैसल छलथि ! लालू जी अंत मे बजलाह ... " आपलोगों को मालूम नहीं हैं की अब रेडिमेड का जमाना हैं " बहुमत किसी को भी मिले मंत्री कोई भी बन सकता हैं ! जैसे मैं जब चारा घोटाला के केस में जेल जाने वाला था तो अपनी पत्नी को मुखमंत्री का कुर्शी पर बैठा कर जेल गया था !


(१०) किछ दिन पहिनेक बात अछि ! हम गामे मs रही हमर काका अपन बेटिक कन्यादान ठीक केलथि ! मुदा वर पक्ष बला कहलकनि जे सरकार हमरा दहेजक पाई काल्हि साँझ तक चाही तखने हम विवाह करब ! नै तेँ दोसर गाम के घटक तैयार छथि ! ई बात शनिक साँझ के छी ! सब कियो परेसान भोs गेला कारण की काल्हि रवि छले आ रवि के बैंक बंद रहैत अछि, साँझ तक एक लाख रुपैया के कोना व्यवस्था हेत ! दोसर दिन काका गाम मे दुई चारी आदमी के पुछल्खिन सभ कियो कहलकनि जे हम सोम दिन बैंक सs पाई आनी के देब ! मुदा वर पक्षक शर्त रवि दिनक साँझ तक छलनि ! अंत मे हम कहलियनि.... " अहां सभ के ई नै बुझल अछि जे आब रेडिमेडक जमाना छैक " आब पाई मशीन सs निकलैत अछि ! तखने हम दू आदमी झंझार पूर ATM मशीन पर गेलहुँ आ चारि टा कार्ड के एक लाख रुपैया निकाली के आबि गेलहुँ सब गाम मे देखते रही गेल ....



जय मैथिली, जय मिथिला,


मदन कुमार ठाकुर, कोठिया पट्टीटोल, झंझारपुर (मधुबनी) बिहार - ८४७४०४,

मोबाईल +919312460150 , ईमेल - madanjagdamba@rediffmail.com