http://www.videha.co.in/साहित्यक दू विधा अछि गद्य आऽ पद्य।छन्दोबद्ध रचना पद्य कहबैत अछि-अन्यथा ओऽ गद्य थीक। छन्द माने भेल-एहन रचना जे आनन्द प्रदान करए।
छन्द दू प्रकारक अछि।मात्रिक आऽ वार्णिक। वेदमे मात्रिक छन्द अछि। पहिने मात्रिक छन्द परिचय लिय। एहिमे अक्षर जिनती मात्र होइत अछि। हलंतयुक्त अक्षरकेँ नहि गानल जाइत अछि। एकार उकार इत्यादि युक्त अक्षरकेँ ओहिना एक मात्रिक गानल जाइत अछि जेना संयुक्ताक्षरकेँ। संगहि अ सँ ह केँ सेहो एक मात्रिक गानल जाइत अछि।द्विमात्रिक कोनो अक्षर नहि होइछ।मुख्य तीनटा बिन्दु यादि राखू-
1.ह्अलंतयुकत अक्षर-0 2.संयुक्त अक्षर-1 3.अक्षर अ सँ ह -1 प्रत्येक।
आब पहिल उदाहरण देखू
ई अरदराक मेघ नहि मानत रहत बरसि के=1+5+2+2+3+3+1=17 मात्रा
आब दोसर उदाहरण देखू
पश्चात्=2 मात्रा
आब तेसर उदाहरण देखू
आऽब=2 मात्रा
आब चारिम उदाहरण देखू
स्क्रिप्ट=2 मात्रा
मुख्य वैदिक छन्द सात अछि-गायत्री,उष्णिक् ,अनुष्टुप् ,बृहती,पङ् क्त्ति,त्रिष्टुप् आ ऽ जगती। शेष ओकर भेद अछि अतिछन्द आ ऽ विच्छन्द। छन्दकेँ अक्षरसँ चिन्हल जाइत अछि। यदि अक्षर पूरा नहि भेलतँ एक आकि दू अक्षर प्रत्येक पादमे बढ़ा लेल जाइत अछि।य आऽ
व केर संयुक्ताक्षरकेँ क्रमशः इ आ ऽ उ लगा कय अलग केल जाइत अछि। वरेण्यम्=वरेणियम्
स्वः= सुवः
गुण आ ऽ वृद्धिकेँ अलग कयकेँ सेहो अक्षर पूर कय सकैत छी। ए = अ + ई ओ = अ + उ
ऐ= अ+ए =आ+ए
औ=अ+ओ =आ+ओhttp://www.videha.co.in/
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