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Wednesday, July 23, 2008

विदेह दिनांक 15 फरबरी, 2008 (वर्ष: 1 मास: 2 अंक: 4 ) 7. मिथिला कला- चित्रकला (आँगा)

7. मिथिला कला- चित्रकला (आँगा)
कुमरम मने विवाह आ’ उपनयनसँ एक दिन पहिने क्रमशः कनियाँ आ’ बरुआकेँ आङ उङारल जाइत अछि मने श्रेष्ठ स्त्रीगण यव आ’ आन पदार्थसँ बनल उबटन लगबैथ छथि। एतय मंडप पर सबरंग पटिया पर षट पाइस अरिपनक समक्ष मंडप पर ई कार्य संपादित होइत अछि। ई एकटा रक्षा कवच थिक।
विधि- तीनटा आयत बनाऊ एकक नीचाँ एक। पाँच खंड उर्ध्वाधर आ’ तीन क्षैतिज खंड करू। एहि 18 खंडमे फूल बनाऊ।

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