Pages

Friday, July 25, 2008

विदेह 15 मार्च 2008 वर्ष 1मास 3 अंक 6 11. मिथिला आ’ संस्कृत( सर्वतंत्रस्वतंत्र बच्चा झाक जीवनी)

11. मिथिला आ’ संस्कृत( सर्वतंत्रस्वतंत्र बच्चा झाक जीवनी)

सर्वतंत्र स्वतंत्र श्री धर्मदत्त झा(बच्चा झा) (1860 ई.-1918 ई.)


मिथिला आ’ संस्कृत स्तंभमे एहि अंकमे सर्वतंत्र स्वतंत्र श्री धर्मदत्त झा जिनकर प्रसिद्धि बच्चा झाक नामसँ बेशी छन्हि, केर जीवनी द’ रहल छी।
मधुबनी जिलांतर्गत लवाणी(नवानी) गाममे हिनकर जन्म भेलन्हि। वाराणसीमे श्री विशुद्धानन्द सरस्वती आ’ बालशास्त्रीसँ शिक्षा ग्रहण करबाक बाद गाम आबि गेलाह आ’ शारदा भवन विद्यापीठक स्थापना गामेमे कएलन्हि।गुरुकुल पद्धति सँ एतय संन्यासी आ’ गृहस्थ शिक्षा ग्रहण करैत छलाह। विद्यार्थीगणक खर्चा गुरुजी उठबैत रहलाह। द्वारकाक शंकराचार्य हिनका आमंत्रित कए नव्यन्यायक अध्ययन कएलन्हि। आस्तिक आ’ नास्तिक आ’ नव्यन्यायक विद्वत्तक दृष्टिये हिनका सर्वतंत्र स्वतंत्रक उपाधि देल गेलन्हि। हिनका बच्चामे लोक बच्चा झा कहैत छलन्हि, आ’ ईएह नाम धर्मदत्त झाक अपेक्षा बेशी प्रचलित रहल। हिनक कृति सभ अछि। 1. सुलोचन-माधव चम्पू काव्य, 2.न्यायवार्त्तिक तात्पर्य व्याख्यान, 3.गूढ़ार्थ तत्त्वलोक(श्री मदभागवतगीता व्याख्याभूत मधुसूदनी टीका पर) 4.व्याप्तिपंचक टीका 5.अवच्छदकत्व निरुक्त्ति विवेचन 6.सव्यभिचार टिप्पण 7.सतप्रतिपक्ष टिप्पण 8.व्याप्तनुगन विवेचन 9.सिद्धांत लक्षण विवेक 10.व्युत्पत्तिवाद गूढार्थ तत्वालोक 11.शक्त्तिवाद टिप्पण 12.खण्डन-ख़ण्ड खाद्य टिप्पण 13. अद्वैत सिद्धि चन्द्रिका टिप्पण 14.कुकुकाञ्जलि प्रकाश टिप्पण.

No comments:

Post a Comment