12. भाषा आ’ प्रौद्योगिकी
अ सँ ह तक वर्णमाला अछि। क्ष, त्र ,ज्ञ ओनातँ संयुक्त्त अक्षर अछि, मुदा बच्चेसँ हमरा सभ अ सँ ज्ञ तक वर्ण्मालाक रूपमे पढ़ने छी। श्र सेहो क्ष, त्र, ज्ञ जेकाँ संयुक्त अक्षर अछि। ज्ञ केर उच्चारण ताहि द्वारे हमरा सभ ग आ’ य केर मिश्रण द्वारा करैत छी से धरि गलत अछि। ई अछि ज आ’ ञ केर संयुक्त । ऋ केर उच्चारण हमर सभ करैत छी, री। लृ केर उच्चारण करैत छी, ल, र आ’ ई केर संयुक्त्त। मुदा ऋ आ’ लृ स्वयं स्वर अछि, संयुक्ताक्षर नहि। विदेहक आर्काइवमे एहि बेर सँ शुद्ध उच्चारणक आवश्यकताकेँ देखि कय अ सँ ज्ञ तक सभ वर्णक उच्चारण देल गेल अछि।एकरा डाउनलोड क’ अपन आ’ अपन बच्चाक हेतु प्रयोग कए सकैत छी। मैथिली अकादमीक भाषाक मानकीकरणक प्रयासमे सहयोग करबाक दृष्टिसँ ओकरा द्वारा निर्धारित मानककेँ रचना लिखबासँ पहिने कॉलममे आन नव रचनाक संग स्थायी रूपसँ देल जायत, जेना अ सँ ज्ञ केर .mp3फाइल आर्काइवमे स्थायी रूपसँ डाउनलोडक हेतु उपलब्ध रहत। मैथिली अकादमीक ई आग्रह जे संख्याक देवनागरी रूप प्रयोग कएल जाय, केर प्रयोग रूप देबाक हेतु सभ एकमत नहि क्ह्हथि, भारतीय अंकक अंतर्राष्ट्रीय रूपक प्रयोगक देवनागरीमे चलन भ’ गेल अछि। ताहि द्वारे रचना लिख्बासँ पहिने स्तंभमे जे भाषाक मानकीकरणक संस्तुति अछि, ताहिमे देवनागरी अंकक प्रयोगक आग्रहकेँ हटा देल गेल अछि। भारतीय संविधानक अनुच्छेद 343(1) कहैत अछि जे संघक राजकीय प्रयोजनक हेतु प्रयुक्त होमय बला अंकक रूप, भारतीय अंकक अंतर्राष्ट्रीय रूप होयत, मुदा राष्ट्रपति अंकक देवनागरी रूपकेँ सेहो प्राधिकृत क’ सकैत छथि।
(अनुवर्तते)
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