'भालसरिक गाछ' जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल अखनो ५ जुलाई २००४ क पोस्ट'भालसरिक गाछ'- केर रूपमे इंटरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितिक रूपमे विद्यमान अछि जे विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि,आ http://www.videha.co.in/पर ई प्रकाशित होइत अछि।
ओ नहि परखि सकल जे ओतए
ReplyDeleteबद्धी छै कि ताबीज
bah bhai ajit azad
पहिने हमर नाम पूछल गेल
ReplyDeleteओ नहि पतियाएल
फेर ओकर नजरि
हमर गरदनि दिस गेलै
ओ नहि परखि सकल जे ओतए
बद्धी छै कि ताबीज
तखन ओ हमरा नाँगट क’ देलक सरेआम
ओकरा तैयो विश्वास नहि भेलै
अन्ततः ओ हमरा मारि देलक
मुदा आश्चर्य
एकर बादो ओ निश्चिन्त कहाँ अछि?
bah
ajit azadak kavitak prastuti lel dhanyavad
ReplyDeletenik bhavak abhivyakti
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