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Saturday, July 11, 2009

अन्हारक सत्ता-कामिनी

घरमे पसरल अछि
बहुत रास अन्हार
आ बाहर टिप-टिप करैत
बरसि रहल अछि
घमाघट मेघ
सोझाँक उछाल खत्तामे
गाबि रहल अछि मल्हार
मदमस्त ढौसा बेंग
लोक कहैत अछि
एहि बेरुका बरसातमे
टूटि क’ रहतै बान्ह
महार पर जएबाक तैयारी
क’ नेने छै लोक
एक टा आतंक
पसरल अछि चारू कात
भय निराशा आ मोह
घेरने अछि चारू कातसँ
सलाइक काठीसँ
निकालै छै इजोत
आ क्षण भरिमे
अन्हार चाँपि लै छै ओकरा
अपनामे
अन्हारक सम्पूर्ण सत्ता
व्याप्त अछि हमरा चारू कात
आ विलीन क’ लेबए चाहैत अछि
अपनामे
एहि घरक सम्पूर्ण व्यवस्थाकें।

4 comments:

  1. सोझाँक उछाल खत्तामे
    गाबि रहल अछि मल्हार
    bahut nik bahin kanini ji

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  2. घरमे पसरल अछि
    बहुत रास अन्हार
    आ बाहर टिप-टिप करैत
    बरसि रहल अछि
    घमाघट मेघ
    सोझाँक उछाल खत्तामे
    गाबि रहल अछि मल्हार
    मदमस्त ढौसा बेंग
    लोक कहैत अछि
    एहि बेरुका बरसातमे
    टूटि क’ रहतै बान्ह
    महार पर जएबाक तैयारी
    क’ नेने छै लोक
    एक टा आतंक
    पसरल अछि चारू कात
    भय निराशा आ मोह
    घेरने अछि चारू कातसँ
    सलाइक काठीसँ
    निकालै छै इजोत
    आ क्षण भरिमे
    अन्हार चाँपि लै छै ओकरा
    अपनामे
    अन्हारक सम्पूर्ण सत्ता
    व्याप्त अछि हमरा चारू कात
    आ विलीन क’ लेबए चाहैत अछि
    अपनामे
    एहि घरक सम्पूर्ण व्यवस्थाकें।
    ati sundar

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  3. kaminik kavitak prastuti lel dhanyavad

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